Natural Farming आज के समय में प्राकृतिक खेती का उत्पादन लगातार बढ़ता जा रहा है| ऐसा इसलिए है क्योंकि प्राकृतिक खेती में किसान कम लागत में ज्यादा मुनाफा कमा सकते हैं| यह एक बेहतरीन तरीका है| इसके बारे में जानने के लिए इस पोस्ट को अंत तक पढ़े:
आज के समय में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए केंद्र के साथ राज्य सरकार भी भरसक प्रयास कर रही है| प्राकृतिक खेती के माध्यम से किसान कम लागत में ज्यादा उत्पादन कर सकते हैं| जिससे कि उनकी आमदनी को बहुत फायदा होगा| इसके अतिरिक्त जो भी फल, सब्जियां प्राकृतिक खेती द्वारा उगाए जाते हैं उनका स्वाद बहुत ही अलग और अच्छा होता है| यदि आप एक बार प्राकृतिक फल सब्जियों का स्वाद चख लेंगे उसके बाद आपको केमिकल वाली फल, सब्जियां अच्छी नहीं लगेगी|
आइए बात करते हैं हिमाचल प्रदेश के एक छोटे से जिले के किसान रजत के बारे में जिन्होंने प्राकृतिक खेती को अपनाया| रजत को बचपन से ही खेती किसानी पसंद थी उनके पिता भी यही काम करते थे| जब रजत बड़े हुए तो उन्होंने जीवनयापन के लिए खेती को चुना| शुरुआत में उन्होंने रसायनिक खेती को अपनाया लेकिन इसमें उन्हें काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा| रसायनिक खेती में लागत बहुत ज्यादा लगती थी और मुनाफा कम हो रहा था| परंतु लंबे समय से सभी लोग रसायनिक आधारित खेती ही कर रहे थे इसीलिए उन्हें इसको छोड़ने में कठिनाई महसूस हो रही थी| नई तकनीक को अपनाने में बड़ा जोखिम था तथा उन्हें इसकी पूरी जानकारी भी नहीं थी| ऐसे में कृषि विभाग के अधिकारियों ने उनका मार्गदर्शन किया और उन्हें प्राकृतिक खेती की खुशहाल योजना के बारे में बताया|
ट्रेनिंग के बाद शुरू की प्राकृतिक खेती
जब रजत को प्राकृतिक खेती के बारे में पता चला तो उन्होंने प्राकृतिक खेती करने की ट्रेनिंग ली| ट्रेनिंग के बाद जब वह घर लौटे तो उन्होंने पड़ोसी से देसी गाय का गोबर और गोमूत्र खरीद कर आदान बनाना शुरू किया| आदान बनाने के बाद उन्होंने प्राकृतिक खेती करना शुरू किया सबसे पहले उन्होंने अपनी 2 बीघा जमीन पर प्रायोगिक तौर पर खेती करना शुरू किया| रजत को यह महसूस हुआ कि प्राकृतिक खेती से उन्हें बहुत ही ज्यादा अच्छे नतीजे मिल रहे हैं| इसमें लागत कम और मुनाफा बहुत ही ज्यादा है| इसके बाद उन्होंने खेती का दायरा 2 बीघा जमीन से बढ़ाकर 10 बीघा कर दिया और एक देसी गाय भी खरीद ली|
फल और सब्जियों की खेती शुरू
जब एक बार रजत को प्राकृतिक खेती के फायदे के बारे में पता चल गया उन्होंने प्राकृतिक खेती से अनाज, सब्जियां और फल उगाए रबी सीजन में गेहूं की बंपर पैदावार मिली| बैंगन,भिंडी, लौकी और मटर की फसल को बिलासपुर और सोलन दोनों जिलों में बेचा|
उनका कहना है कि अब फसल बहुत ही अच्छी हो गई है और मुनाफा भी बहुत ज्यादा होता है| जिस भी व्यक्ति ने एक बार उनका उत्पाद खरीदा वह दोबारा उन्हीं से सामान खरीदना चाहता है यहां तक कि लोग खुद फोन करके उन्हें आर्डर देते हैं|
रजत की माने तो रसायनिक खेती में 40 हजार खर्च कर 3 लाख रुपए की कमाई होती थी जबकि प्राकृतिक खेती अपनाने के बाद अब 10 हजार लगाकर 5 लाख की कमाई होती है| है ना यह बेहतरीन? आप भी आज ही रसायनिक खेती को छोड़कर प्राकृतिक खेती अपनाएं|
इसकी जानकारी ऊपर पोस्ट में दी गई है|
प्राकृतिक खेती करने से हम कम लागत में ज्यादा उत्पादन कर सकते हैं|
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